जैन धर्म जैन शब्द संस्कृत के जिन शब्द से बना है इसका अर्थ विजेता होता है अर्थात इन्होंने अपनी मन वाणी और काया को जीत लिया हो जैन धर्म के 24 तीर्थंकर थे प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव याआदिनाथ को जाता है 24 में तीर्थकर या अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी थे •महावीर स्वामी महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसापुर अथवा 540 ईसा पूर्व कुंड ग्राम वैशाली बिहार में हुआ था इनके पिता जी का नाम सिद्धार्थ थे और उनकी माता का नाम त्रिशला था महावीर स्वामी की पत्नी का यशोदा था और पुत्री का नाम प्रियदर्शना महावीर स्वामी के दामाद का नाम जामालि था और स्वामी ने अपने भाई नदिवर्धन से आज्ञा लेकर गृह त्याग दिया जैन धर्म की प्रमुख शिक्षाएं अहिंसा –हत्या ना करना सत्य – सदा सत्य बोलना अपरि ग्रह –संपत्ति को ना जोड़ना अस्तेय – चोरी ना करना ब्रह्मचर्य – इंद्रियों को वश में करना •इन पांच महाव्रत हुए ऊपर के 4 पार्श्वनाथ ने दिए जबकि पांचवा ब्रह्मचर्य महावीर स्वामी ने जोड़ा • जैन साहित्य जैन साहित्य प्राकृतिक एवं संस्कृत भाषा में मिलते हैं प्रारंभ में जैन साहित्य अर्द्ध मग
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